Saturday, August 14, 2010

JAI HIND-SHIFUJI

HAPPY INDEPENDANCE DAY
जय हिन्द वन्दे मातरम इन्कलाब जिंदाबाद,

एक सन्देश मेरी और से प्रत्येक भारत के नागरिक के लिए जो स्वाभिमान और राष्ट्र मान समझाता है :-

साथियों, स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए। मैं इसे छिपाना नहीं चाहता, लेकिन एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ कि मैं कैद होकर या पाबंद होकर जीना नहीं चाहता। मेरा नाम हिन्दुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊँचा उठा दिया है- इतना ऊँचा कि जीवित रहने की स्थिति में इससे ऊँचा मैं हर्गिज नहीं हो सकता।स्वतंत्र भारत की सोगंध माँ भारती के चरणों में शीश भी प्रस्तुत है....

वीरता,विजय,विनाश, या वीरगती ..
हम तो घर से निकले हि थे बांध के सर पर कफ़न,जां हंथेली पर लिए लो बढ़ चले हैं ये कदम ,अरे ज़िन्दगी खुद अपनी मेहमां मौत की महफ़िल में है,सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,देखना हे जोर कितना बाजुए कातिल में है

जय हिन्द
शीफुजी
http://shifuji.blogspot.com/,
http://misionprahar.blogspot.com/ .
जय हिंद वन्दे मातरम इन्कलाब जिंदाबाद,भारत वीर योद्धाओं, नायकों ,देशभक्तों और शहीदों की भूमि है,और प्रत्येक हिन्दुस्तानी को इसकी अमुल्यावान धरोहर पर गर्व है.

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